PMFBY: भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत की अधिकांश जनसंख्या लगभग 70% कृषि पर निर्भर करती है। भारत में कृषि का योगदान भारत की अर्थव्यवस्था में भी एक अहम भूमिका निभाता है, देश में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान तकरीबन 14% है। लेकिन कृषि अब जोखिम से भारत व्यवसाय बन गई है, क्योंकि प्राकृतिक आपदाओं तथा मौसम के अनिश्चित और कीटों के उत्पाद फसल को हर समय खतरा बना रहता है। अन्य संकटों से बचने तथा किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)” शुरुवात की।

कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों की फसलों को होने वाले नुकसान से उनकी भरपाई करना तथा आर्थिक रूप से मजबूत करना, और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना। तथा किसानों को आर्थिक मदद करना। इस योजना के माध्यम से किसानों को फसल बीमा के प्रति जागरूकता भी प्रदान करते हैं। आइए विस्तार से जानें
योजना की शुरुआत कब हुई
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(PMFBY) की शुरुआत 13 जनवरी 2016 को हुई। यह योजना फसल बीमा कार्यक्रम जैसे राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (MNAIS) को मर्ज करके प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) की शुरुआत हुई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि किसने की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना तथा उन्हें आधुनिक कृषि के लिए प्रोत्साहित करना और आधुनिक करने के लिए बढ़ावा देना। जिससे किसान अच्छी उपज पैदा करके अपनी आय में वृद्धि कर सके।
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योजना का मुख्य उद्देश्य
PMFBY का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों को आने वाले प्राकृतिक आपदाओं तथा कीटों के प्रका पी से होने वाले खतरे तथा नुकसान की भरपाई और उनसे सुरक्षा करना। इसके अलावा इस योजना का उद्देश्य यह है कि इससे कृषि कार्य में सुधार होगा, इसे किस बिना संकोच के खेती में निवेश कर सकेंगे तथा अच्छे पैदावार की ओर अग्रसर होंगे इससे उनकी आयु बढ़ेगी तथा आई बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होगा तथा मजबूत होगी और अगर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मजबूती आएगी तो देश की अर्थव्यवस्था में भी सुधार होगा। जैसे कि पहले ही बता चुका हूं कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का एक महत्वपूर्ण योगदान है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं
1. कम प्रीमियम दर
- रबी की फसलों के लिए 1.5% प्रीमियम
- खरीफ की फसलों के लिए 2% प्रीमियम
- वार्षिक फसल और बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम
- शेष बस्सी प्रीमियम राशि को राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर वहन करते हैं।
2. फसल का विस्तारित कवरेज
PMFBY योजना के अंतर्गत फसल की बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक होने वाले नुकसान को योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है। अर्थात किसानों का बुवाई से लेकर फसल की कटाई तक जो भी नुकसान होता है। उसका भुगतान सरकार बीमा राशि के द्वारा हमें प्रदान करेगी।
3. किसानों के लिए व्यापक कवरेज
इस योजना के द्वारा प्राकृतिक आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, जल भराव, तूफान तथा अन्य कीटों के खतरों के कारण होने वाले फसल के नुकसान की भरपाई की जाती है।
4.प्रौद्योगिकी का उपयोग कर फसल का आकलन
इस योजना के द्वारा भारत सरकार फसल में होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए सैटेलाइट ड्रोन स्मार्टफोन या अन्य तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
5. स्वैच्छिक भागीदारी
स्वैच्छिक भागीदारी का मतलब है, कि किसान अपनी मर्जी से इस योजना का हिस्सा बन सकते हैं,सरकार की ओर से कोई भी दबाव नहीं है।

योजना से होने वाले लाभ
- आर्थिक सहायता: फसल खराब हो जाने पर इस योजना(PMFBY) के माध्यम से किसानों को आर्थिक मदद मिलेगी, जिससे वह अगले कृषि कार्य के लिए तैयार हो सके, बेहतर तरीके से।
- कृषि क्षेत्र में होने वाले जोखिम को कम करना: इस योजना की सहायता से किसानों को आपदाओं आदि से भरने के लिए आर्थिक मदद मिलेगी जिससे आर्थिक रूप से इन्हें मजबूत बनाती है।
- कर चुकाने में सहूलियत: फसल नुकसान होने के पक्ष में बीमा द्वारा मिलने वाली राशि से किसान अपने कर्ज आदि चुका सकते हैं।
- कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाना: PMFBY मैं कृषि क्षेत्र में विकास और स्थिरता की ओर प्रेरित किया है तथा आधुनिक कृषि की ओर बढ़ावा देना।
आवेदन कैसे करें
PMFBY के लिए आवेदन की प्रक्रिया बहुत ही सरल है। किसान ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से पीएम फसल बीमा योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
1. ऑनलाइन प्रक्रिया:
- सर्वप्रथम आप किसान पोर्टल पर लॉगिन करें।
- अपने क्षेत्र और फसल से संबंधित जानकारी दर्ज करें।
- योजना की प्रक्रिया से संबंधित आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- अंतिम में फाइनल सबमिट करें।
2. ऑफलाइन प्रक्रिया:
- ऑफलाइन फॉर्म भरने के लिए सर्वप्रथम आवेदन पत्र प्राप्त करें।
- आवेदन पत्र मिलने के पश्चात किसी नजदीकी बैंक अथवा आकर्षित कार्यालय या जन सेवा केंद्र सीएससी में जाकर अपना फार्म भरें तथा उससे संबंधित सभी दस्तावेज फॉर्म के साथ में जमा करवाएं।
आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- पैन कार्ड
- बैंक खाते की पासबुक की प्रति
- सरकारी दस्तावेजों के अनुसार भूमि के रिकॉर्ड की प्रति
- फसल बुवाई के प्रमाण
योजना के समक्ष आने वाली चुनौतियां/सुधार
- ग्रामीण क्षेत्र के किसानों को इस योजना के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। इसलिए किसानों को योजना योजनाओं की जानकारी प्राप्त करवाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाए जिससे कि किस जागरूक हो सके।
- इस संदर्भ में आने वाली बड़ी चुनौती यह भी है कि बीमा कंपनियों द्वारा किसानों की बीमा राशि देने की प्रक्रिया में देरी करना एक बड़ी समस्या है, इससे इसके सुधार के लिए बीमा कंपनियों को अपनी प्रक्रिया को सरल और तेज बनाना होगा।
- बीमा राशि प्राप्त करने के लिए फसल के होने वाले नुकसान के लिए सही सही समय पर सही आकलन करना तथा सही डाटा उपलब्ध करवाना बहुत मुश्किल हो रहा है इसके सुधार के लिए तकनीकी संसाधनों के उपयोग से इसकी कमी की पूर्ति कर सकते हैं।
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निष्कर्ष
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना(PMFBY) मैं भारतीय किसानों के लिए एक सुरक्षा कवच का कार्य किया है। यह योजना किसानों को होना की होने वाले नुकसान से बचाती है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित भी करती है। सरकार को यह प्रयास करने चाहिए कि यह योजना अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचा तथा इसके रास्ते में आने वाली बढ़ाओ को जल्दी से जल्दी उपाय लगाकर दूर किया जाए।
PMFBY सरकार द्वारा लागू की गई एक सकारात्मक पहल है जो कि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगा तथा कृषि क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाते हैं तथा उन्हें कृषि क्षेत्र में और बेहतर निवेश करने के लिए भी प्रेरित करती है तथा इस योजना के माध्यम से किसानों को कर्ज के बोझ से भी मुक्ति मिलती है।
यह भी आपको जानना चाहिए (FAQs)
Q.1 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) कब लागू हुई?
Ans. PMFBY की शुरुवात 13 जनवरी 2016 को हुई।
Q.2 NAIS की फुल फॉर्म क्या है?
Ans. NAIS का पूरा नाम राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना है।
Q.3 PMFBY में कितनी प्रकार की फसलों का कवरेज है?
Ans. 1. खाद्यान्न फसलें 2. तिलहन 3. वार्षिक वाणिज्यिक फसलें तथा बागवानी फसलें।
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